पत्रिका

समिति की पत्रिका : पूर्वोत्तर भारत का पहला द्विभाषी पत्रिका राष्ट्रसेवक का प्रकाशन विगत 12 फरवरी 1951 से होता आ रहा है। गौरतलब है कि समिति के प्रधान सचिव रजनीकांत चक्रवर्ती जी के संपादन में पहले कुछेक अंक त्रैमासिक रूप से प्रकाशित हुआ था। फिर उन्हीं के संपादन में इसे मासिक पत्रिका के रूप में प्रकाशित करने का निर्णय हुआ और तब से आज तक यह निरंतर प्रकाशित होता आ रहा है। भारत सरकार के समाचार-पत्रों के अधिनियम के तहत राष्ट्रसेवक का नामकरण पिछले जुलाई 2009 से द्विभाषी राष्ट्रसेवक कर दिया गया है। फिलहाल यह पत्रिका आरएनआई और आईएसएसएन द्वारा मान्यताप्राप्त है। समय-समय पर इसका विशेषांक भी प्रकाशित होता आ रहा है। यूजीसी-केयर लिस्ट में शामिल यह पूर्वोत्तर की एक प्रमुख शोध-पत्रिका है।

शोध पत्रिका

Scroll to Top